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अधिदेश

जैसा विद्युत अधिनियम, 2003 द्वारा दायित्व सौंपा गया है, आयोग निम्नलिखित कृत्यों का निर्वहन करने के लिए उत्तरदायी है :-

  • केंद्रीय सरकार के स्वामित्व वाली अथवा उसके द्वारा नियंत्रित उत्पादन कंपनियों के टैरिफ का विनियमन करना;
  • खंड (क) में विनिर्दिष्ट केंद्रीय सरकार के स्वामित्व वाली या उसके द्वारा नियंत्रित उत्पादन कंपनियों से भिन्न उत्पादन कंपनियों के टैरिफ का विनियमन करना यदि ऐसी उत्पादन कंपनियां एक राज्य से अधिक राज्यों में विद्युत के उत्पादन और विक्रय के लिए संयुक्त स्कीम में शामिल होती हैं या अन्यथा उनकी ऐसी कोई संयुक्त स्कीम है;
  • विद्युत के अंतर-राज्यिक पारेषण को विनियमित करना;
  • विद्युत के अंतर-राज्यिक पारेषण के लिए टैरिफ अवधारित करना;
  • किन्हीं व्यक्तियों को पारेषण अनुज्ञप्तिधारी और उनकी अंतर-राज्यिक संक्रियाओं की बाबत विद्युत व्यापारी के रूप में कृत्य करने के लिए अनुज्ञप्ति जारी करना;
  • उपर्युक्त खंड (क) से खंड (घ) तक से संसक्त विषयों के संबंध में उत्पादन कंपनियों या पारेषण अनुज्ञप्तिधारी को अंतर्वलित करने वाले विवादों का न्यायनिर्णयन करना तथा मध्यस्थता के लिए किसी विवाद को निर्दिष्ट करना;
  • अधिनियम के प्रयोजनों के लिए फीस उदगृहीत करना;
  • ग्रिड मानकों को ध्यान में रखते हुए, ग्रिड कोड विनिर्दिष्ट करना;
  • अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा सेवा की गुणवत्ता, निरंतरता और विश्वसनीयता की बाबत मानकों को विनिर्दिष्ट और प्रवृत्त करना;
  • विद्युत के अंतर-राज्यिक व्यापार में, यदि आवश्यक समझा जाए, व्यापार अंतर को नियत करना;
  • ऐसे अन्य कृत्यों का निर्वहन करना जो अधिनियम के अधीन समनुदेशित किए जाएं।