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Shri Jishnu Barua



Jh ft'uq c:vk पूर्व आईएएस अधिकारी हैं जो वर्ष 1988 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुए और इन्हें इनका गृह संवर्ग, असम-मेघालय संवर्ग, आबंटित किया गया। असम राज्य सरकार में अपने सेवा करियर में, श्री बरूआ ने जिलों के उपायुक्त (1994-1997), 1997-2001 में असम औद्योगिक विकास निगम (एआईडीसी) के प्रबंध निदेशक, आयुक्त एवं सचिव, कार्मिक, गृह एवं राजनीतिक विभाग (2007-2012) आदि जैसे क्षेत्र में कई पदों पर कार्य किया। वे वर्ष 2001-2006 से पूर्व केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे उस अवधि के दौरान, वाणिज्यिक, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन आदि के संघ राज्य मंत्री को निजी सचिव के रूप में सेवाएं दी और बाद में गृह मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक (पुलिस) के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2014 से 2017 तक वे पुनः केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के संयुक्त सचिव के रूप में तैनात होकर सतर्कता, प्रशिक्षण और सेवाएं मामलों की देख-रेख की।

असम में लौटने पर, श्री बरूआ असम सरकार के प्रधान सचिव के रूप में तैनात हुए जिस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के अधीन वितरण, उत्पादन और पारेषण कंपनियों के अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दी। तत्पश्चात, वे अपर प्रमुख सचिव, गृह एवं राजस्व विभाग के रूप में नियुक्त हुए। श्री बरूआ को 31 अक्तूबर, 2020 को असम सरकार के प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने अध्यक्ष, असम विद्युत वितरण कंपनी लि. (एपीडीसीएल) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। श्री बरूआ 31 अगस्त, 2022 को प्रमुख सचिव के रूप में सेवानिवृत हुए और तत्पश्चात् अध्यक्ष, असम विद्युत वितरण कंपनी के रूप में पुनःनियुक्त हुए। उन्होंने 2 मार्च, 2023 को अध्यक्ष, केविविआ के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।

श्री बरूआ ने असम में विद्युत क्षेत्र में दो कार्यकाल, अर्थात् वर्ष 2017-2018 में और जून 2021 से फरवरी, 2023 तक सेवाएं दी। वे वर्ष 2017-18 में प्रधान सचिव, विद्युत और अध्यक्ष, एपीडीसीएल थे जब एपीडीसीएल ने प्रथम बार 100% से अधिक में संग्रह दक्षता को दर्ज कर इतिहास बनाया। उस वर्ष में, रु. 4759.45 करोड़ के राजस्व मांग के विपरीत, 102.61% की संग्रह दक्षता के साथ रु. 4883.90 करोड़ वसूल किए गए। बेहतर संग्रह दक्षता के साथ, वित वर्ष 2017-18 के लिए उस वर्ष के एटीएंडसी हानियां, 17.75% के यूडीएवाई लक्ष्य के विपरीत, 15.71% तक कम हुईं।

वित वर्ष 2021-22 में अध्यक्ष, एपीडीसीएल के रूप में उनके द्वितीय कार्यकाल में, कंपनी के इतिहास में संग्रह दक्षता दूसरी बार 100% से अधिक रही। वित वर्ष 2021-22 में, वर्ष के दौरान रु. 6083.55 करोड़ की मांग के विपरीत 103.47%की संग्रह दक्षता के साथ रु. 6294.81 करोड़ का संग्रह हुआ और एटीएंडसी हानियां 16.95% रही। राजस्व संग्रह में सुधार, राजस्व संग्रह पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने, समुचित वितरण ट्रांसफार्मरों को उपभोक्ताओं के उचित सूचीकरण, मीटर रीडिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, राजस्व संग्रह के लिए समर्पित व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से आक्रामक निगरानी, संग्रह और बिलिंग डाटा के निरंतर सूक्ष्म और विस्तृत विश्लेषण, शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटरों के संस्थापन, दूरदराज के क्षेत्रों में राजस्व संग्रह एजेंटो की तैनाती (ईज़ी पे एजेंट के रूप में भी ज्ञात) आदि के कारण संभव हुआ।

सेंट स्टीफन्स कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोतर श्री बरूआ, वर्ष 2006 में नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में स्ट्रेटेजिक एंड डिफेंस स्टडीज़ पर 46वें कोर्स में भी उपस्थित हुए। उन्हें एनडीसी में उनकी थीसिस के लिए मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा एम. फिल डिग्री भी प्रदान की गई।

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